मृतक सफाईकर्मी के परिवार से मिले राकेश टिकैत, 40 लाख मुआवजा और न्यायिक जांच की मांग की
आगरा में हिरासत में लिए गए सफाई कर्मी अरुण की मौत के मामले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नया मोड़ दे दिया है.
मौत का मुआवजा अलग क्यों ?
राकेश टिकैत मृतक के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी. साथ ही सरकार से पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपए मुआवजा देने और न्यायिक जांच की मांग की है. राकेश टिकैत ने कहा कि यूपी में जब सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मृतक किसानों को 45-45 लाख और कानपुर में मनीष के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देकर मौत की कीमत खोल दी है तो सफाई कर्मी अरुण के साथ भेदभाव क्यों किया ? जब मजदूर, गरीब, अमीर सब का वोट एक है, तो फिर मौत का मुआवजा अलग क्यों ?
आलू और बाजरा का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के लिए और किसानों के लिए ये कृषि कानून दोनों काले हैं. जब तक कानून वापस नहीं होंगे, संघर्ष जारी रहेगा. आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध किया जाएगा. आलू और बाजरा के किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. सरकार समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को तैयार नहीं, लेकिन किसानों की फसल को आधे दाम पर लूटने को तैयार है.
सरकार ने सब कुछ बेच दिया है. आने वाले चुनाव में लोग बीजेपी को वोट नहीं देंगे. इसके बावजूद ये लोग गुंडागर्दी के बल पर सरकार बनाएंगे. भाकियू गांव-गांव जाकर इनके खिलाफ किसानों से वोट न देने की अपील करेगा. किसान धरनास्थल पर ही दीवाली मनाएंगे. संघर्ष से समाधान तक आंदोलन जारी रहेगा.
सीसीटीवी से हो रही निगरानी
बतादें कि मृतक अरुण के घर की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है. ये कैमरे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने लगवाए हैं. कार्यकर्ताओं ने बताया कि पार्टी मुखिया के आदेश पर चार कैमरे लगवाए गए हैं. दरअसल परिवार के लोगों को डर है कि पुलिस फिर आ सकती है. उन्हें परेशान किया जा सकता है. इसलिए दो कैमरे घर के अंदर गेटों पर हैं, जबकि दो बाहर लगवाए गए हैं, जिससे गली का रास्ता कवर किया जा सके. इसकी डीवीआर और एलईडी अंदर कमरे में लगाई गई है, जिससे घर में आने वालों पर नजर रखी जा सके.