प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. कोरोनाकाल के 19 महीने में ये उनका 10वां संबोधन था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 100 करोड़ कोरोना टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया है. ये उपलब्धि देश के प्रत्येक व्यक्ति की है. मैं प्रत्येक नागरिक को बधाई देता हूं.
हर देशवासी की सफलता है
पीएम मोदी ने कहा, ‘कृतं मे दक्षिणे हस्ते जयो मे सव्य आहितः’ इसे भारत के संदर्भ में देखें तो हमारे देश ने एक तरफ कर्तव्य का पालन किया तो उसे बड़ी सफलता भी मिली. कल भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है. इसके पीछे 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति लगी है. ये हर देशवासी की सफलता है. ये केवल एक आंकड़ा नहीं है. ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब है.
वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं
उन्होंने कहा कि गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता. ऐसे में ये सुनिश्चित किया गया कि टीकाकरण अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो. कोई कितने भी बड़े पद पर न रहा हो, कितना भी धनी क्यों न हो, उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह मिलेगी.
एकता-सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा
देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली-थाली बजाई, दीये जलाए. तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी लोगों को उसमें एकता-सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा. इसी ताकत ने कोविड वैक्सीनेशन में आज देश को इतने कम समय में सौ करोड़ तक पहुंचाया है. समाज से लेकर अर्थव्यवस्था तक देखें तो हर मोर्चे पर आशावाद नजर आता है. हर एजेंसी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है. न सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है, बल्कि रोजगार को लेकर नए अवसर बन रहे हैं.
भारत में बने सामान ही खरीदें
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली दिवाली हर किसी के मन में एक तनाव था, लेकिन इस दिवाली 100 करोड़ वैक्सीन डोज के कारण एक पैदा हुआ विश्वास है। अगर मेरे देश की वैक्सीन मुझे सुरक्षा दे सकती है, तो मेरे देश में बने सामान मेरी दिवाली को और भी भव्य बना सकते हैं. हर छोटी से छोटी चीज, जो #MadeInIndia हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए. और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा. भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, #VocalForLocal होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा.