Uncategorized

निश्चेतना विशेषज्ञों ने अपनी उपयोगिता बढ़ाई है: ले.ज. डॉ.विपिन पुरी


विश्व निश्चेतना दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
लखनऊ। शल्य चिकित्सा में एनेथिसिया विशेष महत्व है। सर्जरी में सर्जन और एनेस्थीसिया दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। सर्जरी में एनेस्थीसिया के महत्पूर्ण योगदान,उपलब्धि और एनेस्थीसिया की जरूरतों के प्रति जागरुकता बढ़नी चाहिये। यह बात शनिवार को केजीएमयू के कुलपति ले.ज. डॉ.विपिन पुरी ने,निश्चेतना विभाग द्वारा विश्व एनेस्थीसिया दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कही।

पेन क्लीनिक और आईसीयू यूनिट में महत्वपूर्ण भूमिका

ब्राउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में डॉ.पुरी ने कहाकि कुछ समय पूर्व में निश्चेतना विशेषज्ञों को केवल सर्जरी में बेहोशी देने वाला चिकित्सक ही माना जाता था। मगर, वर्तमान में इन विशेषज्ञों ने पेन क्लीनिक और आईसीयू यूनिट आदि के विस्तार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान कर, जनसामान्य की जरूरत बन चुके हैं।

सर्जरी में बेहोशी देने वाला चिकित्सक ही माना जाता था

कार्यक्रम में बतौर अतिथि प्रवक्ता, इंस्टीट्यूट आफ एनेस्थीसियोलोजी, सर गंगा राम हास्पिटल ,नई दिल्ली की प्रो. जयश्री सूद ने कहा एनेस्थीसिया एक द्रव्य है। इसका इस्तेमाल सर्जरी से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए किया जाता है। इससे मरीज को सर्जरी के दौरान दर्द महसूस नहीं होता है। मरीज को एनेस्थीसिया निश्चित समय के लिए दिया जाता है सर्जरी पूर्ण होने के पश्चात समय पूरा होते ही मरीज की चेतना वापस आ जाती है ।

सम्मानित

कार्यक्रम में केजीएमयु के भूतपूर्व शिक्षक डॉ. बी के सिंह , डॉ. गिरीश चन्द्र ,एवं डॉ. रजनी कपूर को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डीन एकेडमिक प्रो. उमा सिंह ,एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रो. जीपीसिंह, सीएमएस डॉ.एसएन संखवार आदि शिक्षक गण उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोनिका कोहली ने किया।

Related Articles

Back to top button