नवजोत सिद्धू के इस्तीफे को लेकर पंजाब के सीएम चरणजीत चन्नी ने कहा कि जो भी पार्टी अध्यक्ष होता है, वो परिवार का मुखिया होता है. मैंने नवजोत सिंह सिद्धू को फोन किया था और उन्हें बताया था कि पार्टी सर्वोच्च है. मैंने उनसे कहा है कि चलो बैठो, बात करो और इस मुद्दे को सुलझाओ.
सिद्धू की तीन शर्तें
चन्नी ने सिद्धू को मनाने की जिम्मेदारी परगट सिंह को सौंपी है. नवजोत सिंह सिद्धू इस्तीफा वापस लेने के लिए कुछ शर्तों की बात कर रहे हैं. सिद्धू कैंप की ओर से साफ किया गया है कि वह इस्तीफा तभी वापस लेंगे जब उनकी बातों को माना जाएगा. इनमें राणा गुरजीत सिंह को कैबिनेट से हटाना, डीजीपी प्रीत सिंह सहोता को हटाने की मांग की है. बतादें कि IPS सहोता ने ही बादल सरकार के दौरान हुए फायरिंग मामले की जांच करने वाली कमेटी की अगुवाई की थी.
कांग्रेस हाईकमान ढूंढ रही नया अध्यक्ष
सिद्धू ने एडवोकेट जनरल एपीएस देओल को भी हटाने की बात की है. नवजोत सिंह सिद्धू ने साफ कहा है कि वो अपने एजेंडे से पीछे नहीं हटेंगे. इसको देखते हुए कांग्रेस हाईकमान भी सख्ती के मूड में है. कांग्रेस हाईकमान मौजूदा हालातों में पूरी तरह से सीएम चन्नी के साथ खड़ा है और अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है. कुलदीप नागरा, रवनीत सिंह बिट्टू इस वक्त पंजाब कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं.
सिद्धू ने जारी किया वीडियो
नवजोत सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर अपनी बात रखी है. इसमें उन्होंने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे. मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है. मेरा राजनीतिक करियर 17 साल का है, जो बदलाव लाने के लिए था. लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए था. यही मेरा धर्म है.
बतादें कि पंजाब में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होना है. इधर कांग्रेस में आपसी दंगल चल रहा है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी और अकाली दल को इसका फायदा मिल रहा है और वे लगातार चुनावी तैयारियों में जुटे हुए है.