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भाजपा के ‘सबका साथ’ नारे में गरीब गायब हैं : अखिलेश यादव

लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में गरीबों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ आम बात है। उसके ‘सबका साथ’ नारे में गरीब गायब हैं। इसलिए गरीबों का पेट भरने वाले अनाज पर भी डाका पड़ने लगा है। राज्य भंडारण निगम में करोड़ों की धांधली सामने आई है। जानकारी के अनुसार 23,148 बोरे अनाज का सीतापुर के नेरी कला केन्द्र पर गबन होने की रिपोर्ट है। इसकी कीमत सात से आठ करोड़ रुपए की बताई जाती है। इस डिपों से गरीबों में बंटने वाला चावल भी खराब किस्म का पाया गया। 20-20 किलों की बोरियों में भरा गया चावल का रंग भी पीला बताया गया।

भाजपा को तो बस पूंजी घरानों का साथ पसंद है


श्री यादव ने बताया कि सत्ता संरक्षित घोटालेबाजों ने गरीब बच्चों के निवाले को भी नहीं छोड़ा। गरीबों को राहत का झूठा दिखावा करने वाली भाजपा सरकार की संवेदनशून्यता चरम पर है। जाड़े में गरीब ठिठुर रहा है। उन्हें कम्बल बांटने की सुध अफसरों को नहीं है। अस्पतालों में बनाए गए रैनबसेरों में अव्यवस्था के चलते लोग उसमें ठहरने से परहेज करते हैं। तमाम रैन बसेरों में साफ-सफाई केवल कागजों में होती है। गरीबों को फटे पुराने गद्दों में लेटना पड़ता है। अस्पतालों में तो हालत और बुरी है। मरीजों के रिश्तेदार वार्ड के बाहर ही रात बिताने को मजबूर हैं। तीमारदारों को ठंड से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को गरीबों की ठंड से होने वाली परेशानियों से कोई मतलब नहीं। यहां ठंड होते ही लकड़ी और कोयले की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। कोरोना काल में तमाम लोग बेरोजगार भी हो गए हैं। जनता को भाजपा राज से कोई उम्मीद नहीं रह गई है। गरीब और गरीबी से तो भाजपा को तो बस पूंजी घरानों का साथ पसंद है

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