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75 साल के बाद लाल किले से ध्वज को सलामी देने का काम मेड इन इंडिया तोप ने किया है : नरेंद्र मोदी

लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने लाल किले से देशवासियों को किया संबोधित


नई दिल्ली !  स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्वदेशी चीजों के इस्तेमाल पर जोर दिया है। खास बात है कि पहली बार राष्ट्रीय ध्वज को मेड इन इंडिया तोप से सलामी दी गई है। पीएम मोदी ने साथ ही आत्मनिर्भर भारत की बात पर जोर दिया है।
सोमवार को पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, यह हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर इकाई का दायित्व बन जाता है। यह सरकारी एजेंडा नहीं है। यह समाज का जन आंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आज जब यह आवाज हमने सुनी, जिसकी लिए कान तरस गए। उन्होंने कहा कि 75 साल के बाद लाल किले से ध्वज को सलामी देने का काम मेड इन इंडिया तोप ने किया है।

पांच प्रण
पीएम मोदी ने सोमवार को 9वीं बार लालकिले से तिरंगा फहराया है। देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 25 सालों का प्लान रखा है। उन्होंने पांच प्रणों का जिक्र किया। इसमें विकसित भारत, गुलामी का अंश न होना, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागिरकों को कर्तव्य शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने डिजिटल इंडिया, नारी शक्ति समेत कई क्षेत्रों में काम की बात कही है।
पीएम ने इस मौके पर स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत और महिलाओं के सम्मान की बात कही। वहीं उन्होंने देश को अगले 25 सालों के लिए 5 प्रण भी दिलाए। उन्होंने कहा कि यदि हम इनका पालन करेंगे तो देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत के एक विकसित देश होगा।

हम सभी देशवासी ऋणी हैं

पीएम मोदी ने कहा हम सभी देशवासी महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर के ऋणी हैं। उन्होंने अपने जीवन को खपा दिया। यह देश कृतज्ञ है, मंगल पांडे, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्लिम और अन्य तमाम क्रांतिवीरों का। इन लोगों ने अंग्रेजों की नींव हिला दी। यह देश रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल, रानी गाइडिल्यू का ऋणी है। अनगिनता वीरांगनाओं का स्मरण करते हुए हर भारतीय गर्व से भर जाता है। डॉ राजेंद्र प्रसाद हों, नेहरू हों, लाल बहादुर शास्त्री हों या फिर राम मनोहर लिया, नानाजी देशमुख, जयप्रकाश नारायण जैसे महापुरुषों को भी यह नमन करने का अवसर है। भगवान बिरसा मुंडा, गोविंद गुरु जैसे अनगिनत नाम हैं, जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर दूर के जंगलों में भी आदिवासी भाई-बहनों में मातृभूमि के लिए जीने-मरने की प्रेरणा जगाई।

14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया

कल 14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस भी बड़े भारी मन से मनाया और विभाजन के गहरे घावों को याद किया। लाखों ने बहुत कुछ सहन किया था, तिरंगे की शान और मातृभूमि की मिट्टी से मोहब्बत के कारण सहन किया था। उनका संघर्ष प्रेरणा पाने योग्य है। 

विश्व भारत की तरफ गौरव और अपेक्षा के साथ देख रहा है

आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत के प्रति देखने का नजरिया बदल चुका है। विश्व भारत की तरफ गौरव और अपेक्षा के साथ देख रहा है। विश्व का यह बदलाव हमारे संकल्पों का प्रतीक है। दुनिया हमारी तरफ देख रही है। दुनिया की उम्मीदों को पूरा करने का सामर्थ्य कहां है, यह उसे दिखने लगा है। उन्होंने कहा कि हम सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर चले थे, लेकिन देशवासियों ने इसमें सबका विश्वास और सबका प्रयास का रंग भी भर दिया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को तेज करना

हम भ्रष्टाचार के लिए एक निर्णायक दिशा में बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है। हमें इसके खिलाफ लड़ाई को तेज करना है। आप मुझे आशीर्वाद दें और साथ दें ताकि इस लड़ाई को मैं लड़ पाऊं। 

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