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कमजोर पैदा हुये बच्चों को कंगारू मदर की जरूरत पड़ती : बेबी रानी मौर्या

लखनऊ । पोषण के क्षेत्र में कार्यरत सभी विभागों और सामाजिक संस्थाओं को मिलाकर प्रदेश में पोषण की स्थिति में सुधार सकते हैं। बच्चे के जन्म के बाद अतिशीघ्र मॉ का दूध पिलाना चाहिए, क्योंकि मॉ का पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे के लिए अमृत समान है जो कि बच्चे को बीमारियों से लड़ने में सहायक होता है। हमारी सरकार ने पोषण के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। यह बात गुुरुवार को महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्या ने, प्रभावी स्तनपान कराने विषयक आयोजित कार्यशाला में कही।

समाज में विभिन्न मिथक एवं भ्रांतियां
उन्होंने कहा, सरकार की स्पष्ट मंशा है कि देश एवं प्रदेश की महिलाएं अपने-आप में सक्षम एवं सबल बनें। पोषण पाठशाला प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री दूरदृष्टि और श्रेष्ठ भारत बनाने के महाअभियान है। पोषण पाठशाला में सचिव, अनामिका सिंह ने बताया कि पोषण अभियान के क्रियान्वयन से विभाग उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। नवजात बच्चे को स्तनपान कराने एवं पोषण के संबंध में समाज में विभिन्न मिथक एवं भ्रांतियां फैली हुई हैं, पोषण पाठशाला का आयोजन इन्हीं मिथक और भ्रांतियों को दूर करने हेतु सकारात्मक पहल है। कार्यक्रम में डॉ. लोहिया संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविन्द सिंह, अवंती बाई के डॉ. सलमान खान व डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि कमजोर पैदा हुए बच्चों के लिए कंगारू मदर केयर के विषय में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जनपदों के लाभार्थियों द्वारा प्रश्न पूछे गये, जिसका विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तारपूर्वक उत्तर भी दिया गया। इस अवसर पर निदेशक सारिका मोहन, कपिल सिंह, सेराज अहमद के साथ-साथ डॉ. रिचा एस पाण्डेय, डॉ.मनीष कुमार पी एलाइव एण्ड थ्राइव के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

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