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डॉक्टर ही नहीं, पैरामेडिकल स्टाफ के स्थानान्तरण सूची भी निरस्त हो : जेके सचान

लखनऊ। डिप्लोमा फार्मासिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन उ0प्र0 के प्रान्तीय पदाधिकारियों का कहना है कि स्थानान्तरण में गड़बड़ियां सभी संवर्गो में हुई हैं, मगर जांच व चर्चा केवल डाक्टरों के स्थानान्तरण की ही हो रही है। अन्य दूसरे संवर्ग फार्मासिस्ट समेत अन्य पैरामेँिडकल स्टाफ के कर्मचारियों को महानिदेशालय स्तर पर रोजाना रिलीविंग आर्डर थमाएं जा रहे हैं। एसो. की मांग है कि संगठन पदाधिकारियों, दाम्पत्ति नीति, दिव्यांग, गंभीर बीमारी, दो वर्ष से कम कार्यकाल के स्थानान्तरण को तुरन्त निरस्त करायें, क्योंकि उनके स्थान पर दूसरे लोग कार्यभार ग्रहण करने हेतु आ रहे हैं। विलम्ब से स्थानान्तरण निरस्त करने से न्यायालय में बहुतायत में कोर्ट केस होने की संभावनायें बढ़ जाती हैं।

केवल डाक्टरों की बात कर रहे हैं, पैरा मेडिकल का कोई नाम लेने वाला नहीं

दारूलशफा में एसोसिएशन की संपन्न बैठक में स्थानान्तरण नीति पर चर्चा हुई, जिसके तहत संगठन के मान्यता प्राप्त पदाधिकारियों, विकलांग, गंभीर बीमारी तथा दाम्पत्य नीति आदि सदस्यों को स्थानान्तरित कर दिया गया है। जबकि शासन द्वारा जारी नीति में इन चार प्रकार के सदस्यों को छूट दी गयी थी, इस हेतु संगठन उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सभी से वार्ता भी कर चुका है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। अध्यक्ष जेके सचान ने बताया कि महानिदेशालय से सभी प्रकार के पैरा मेडिकल, फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, ई0सी0जी0 टेक्नीशियन, टी0बी0 कर्मचारी, नर्सेज एवं अन्य सभी पैरा मेडिकल में हजारों स्थानान्तरण नीति के विरूद्ध किये गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री केवल डाक्टरों की बात कर रहे हैं। पैरा मेडिकल का कोई नाम लेने वाला नहीं है। बैठक में महामंत्री अरविन्द कुमार वर्मा, प्रान्तीय कोषाध्यक्ष शिवजी कुशवाहा, प्रान्तीय सचिव प्रद्युम्न सिंह, लखनऊ जिलाध्यक्ष आनन्द सिंह, पूर्व प्रान्तीय कोषाध्यक्ष आर0पी0 वर्मा, नीरज आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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