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जून में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर, जिंबाब्वे में चौथी लहर शुरू …

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों का पूवार्नुमान है डेल्टाक्रोन वायरस आने का

लखनऊ। कोरोना का खौफ अभी टला है खत्म नही हुआ है, क्योंकि भारत में अब चौथी लहर को लेकर भी अटकले लगने लगी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के गणित और सांख्यिकीय विभाग के शोधकतार्ओं का अनुमान है कि आगामी जून माह में चौथी लहर संभावित है। इसके लिए गणितिज्ञों ने कोरोना के अब तक के आंकड़ों का अध्ययन किया है। जिम्बांब्वे व दक्षिण अफ्रीका में चौथी लहर आ भी चुकी है।

जिम्बांब्वे व दक्षिण अफ्रीका में आ चुकी है चौथी लहर

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक प्रो. शलभ और एसोसिएट प्रो. सुभ्रा शंकर धर के निर्देशन में शोधार्थी सबरा प्रसाद व राजेश ने पहली लहर से लेकर अब तक कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के प्रसार और उनके प्रभाव पर जारी डाटा का अध्ययन किया। साथ ही डाटा की गासियन वितरण मिश्रण प्रणाली के आधार पर गणना की और चौथी लहर के शिखर का समय निकालने के लिए बूट स्ट्रेप प्रणाली का उपयोग किया। कोरोना संक्रमण का पहला मामला विश्व में पहली बार दिसंबर 2019 में सामने आया था। इसके बाद सभी देश वायरस के संक्रमण का शिकार होने लगे। जिंबाब्वे और भारत में तीसरी लहर के आंकड़े लगभग एक समान थे। वर्तमान में जिंबाब्वे में चौथी लहर शुरू हो गई है। इसी वजह से जिंबाव्वे के डाटा को आधार मान विभाग की टीम ने गासियन वितरण मिश्रण प्रणाली का प्रयोग कर भारत में चौथी लहर का आंकलन किया है। 

23 अगस्त चरम पर होगी चौथी लहर 24 अक्टूबर को समाप्त

डा. शलभ के मुताबिक सांख्यिकीय गणना के आधार पर सामने आया है कि भारत में कोविड 19 की चौथी लहर प्रारंभिक डाटा मिलने की तिथि से 936 दिन बाद आ सकती है। चूंकि प्रारंभिक डाटा 30 जनवरी 2020 को सामने आया था, लिहाजा चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होने के आसार हैं। यही नहीं चौथी लहर 23 अगस्त को अपने चरम पर पहुंच सकती है और 24 अक्टूबर को समाप्त हो सकती है। भारत के साथ ही अन्य देशों के डाटा पर भी इसी पद्धति का उपयोग करके चौथी लहर की भविष्यवाणी की जा सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में जिंबाब्वे के साथ ही दक्षिण अफ्रीका भी चौथी और उच्च लहरों का सामना करने लगा है।

नए वैरिएंट का कोई प्रभाव नहीं

कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर में सटीक भविष्यवाणी करने वाले आईआईटी के पद्मश्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि अभी कोरोना की चौथी लहर के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। डेल्टाक्रोन नाम से नया म्यूटेंट कब आएगा, इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। किसी स्टैटिकल मेथड से डाटा निकाला गया है, उसे देखेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अब भारतीय लोगों में ओमिक्रोन और डेल्टा वैरिएंट दोनों की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है, इसलिए नए वैरिएंट का कोई प्रभाव नहीं पड़ने की उम्मीद है।

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