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मुस्लिम प्रत्याशी न उतारने से दूसरे चरण में भाजपा के समक्ष जीत का संकट

दूसरे चरण में यूपी की 55 सीटों पर मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक

लखनऊ। उप्र विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण की 9 जिलों की 55 सीटों में मुस्लिम मतदाताओं की सख्या ज्यादा है। इनमें 30 सीटें हैं जहां पर मुस्लिम मतदाता प्रभावी रहता है। चुनावी गणित में मुस्लिम मतदाताओं का रूझान ही,चुनाव के परिणाम बनेगा। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नही उतारें हैं, जबकि अन्य दलों ने मिलकर कुल 78 मुस्लिम प्रत्याशी दिये हैं। एक तरफ बीजेपी, अपनी पिछली जीत को दोहराने के लिए मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है वहीं, सपा और रालोद के गठबंधन के लिए दूसरे चरण का मतदान कडी परीक्षा है।

दूसरे चरण में 78 मुस्लिम प्रत्याशी

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा मुरादाबाद में 50.8 फीसदी , रामपुर में 50.6, सहारनपुर में 41.95 और बिजनौर में 43.04 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा अमरोहा में 40.04, संभल में 32.9 और बरेली में 34.54 मुस्लिम मतदाता निर्णायक हो सकते हैं। वहीं, भाजपा नेतृत्व लगातार प्रयास कर रहा है कि यह मुस्लिम वोट कांग्रेस और दूसरी पार्टियों में भी बंट जाए । ताकि बीजेपी को जीत सहज हो सकें। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से विभिन्न पार्टियों ने भी इन 55 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को तरजीह दी है और दूसरे चरण में 78 मुस्लिम प्रत्याशी किस्मत आजमा रहें हैं। इनमें से 18 प्रत्याशी सपा और रालोद के गठबंधन से हैं, बसपा से 23 कैंडिडेट, कांग्रेस से 21 और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी (एआईएमआईएम) से 15 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा के सहयोगी दल ने एक मुस्लिम कैंडिडेट को टांडा स्वार की सीट से उतारा गया है। पिछले चुनाव में इन 55 सीटों में से 38 सीटें भाजपा के पास थी। जबकि सपा के खाते में 15 सीटें और कांग्रेस को 2 सीटें ही मिली थी। बसपा के पास एक भी सीट नही थी। वर्तमान की राजनीति असदुद्दीन ओवैसी के आने से बदल चुकी है और ओवैसी के आने के बाद चुनावी समीकरण तेजी से बदले हैं। व्यूरो

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