केजीएमयू कर्मचारी परिषद को मिली पूरी जीत, तीनों संवर्ग का भी कैडर पुनर्गठन शासनादेश जारी
लखनऊ। केजीएमयू कर्मचारी परिषद बहुप्रतिक्षित मांग को नये वर्ष के पहले दिन उप्र सरकार ने शासनादेश जारी कर विराम लगा दिया। केजीएमयू में रिसर्च कैडर, सैनिटरी अटेंडेंट कैडर (सफाई कर्मचारी) व वाहन चालक संवर्ग के पुनर्गठन का शासनादेश शनिवार को जारी हुआ है। इस प्रकार परिषद की 14 संवर्गो की मांग में, आश्वासन के अनुसार 8 संवर्ग का पुनर्गठन कर दिया गया है। शासनादेश जारी होने के बाद, उक्त संवर्ग के कर्मचारी पीजीआइ कर्मचारियों के समतुल्य वेतनमान प्राप्त कर सकेंगे। शासनादेश जारी होने पर कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार व कार्यकारिणी ने संतोष व्यक्त किया है।
उग्र प्रदर्शन , परिसर से मुख्यमंत्री आवास तक पेट के बल लेटकर जाने का मार्च भी किया
ज्ञात हो कि पीजीआइ के समान वेतनमान का शासनादेश 23 अगस्त 2016 को हुआ था, मगर लागू नही हुआ था, जिसकी मांग को लेकर कर्मचारी परिषद निरंतर मांग करता रहा है, कई बार उग्र प्रदर्शन भी किया, परिसर से मुख्यमंत्री आवास तक पेट के बल लेटकर जाने का मार्च भी किया, हलांकि पुलिस प्रशासन ने उन्हें ज्यादा दूर नही जाने दिया और हर बार की तरह आश्वासन देकर प्रदर्शन स्थगित करा दिया था। उसी क्रम में बीते माह 17 दिसंबर को अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बिना शासनादेश, हड़ताल न खत्म करने का प्रदर्शन किया और उसी दिन शासन-प्रशासन हरकत में आया और तड़ातड़ उसी दिन, फिजियोथेरेपिस्ट, आॅक्युपेशनल थेरपिष्ट व परफ्यूजनिस्ट संवर्ग का शासनादेश जारी कर, हड़ताल खत्म कराई और अन्य तीन संवर्ग, जिनका आज शनिवार को शासनादेश जारी किया है, को जारी करने का आश्वासन दिया था। दो संवर्ग के पूर्व में ही पुनर्गठन हो चुका था। इस प्रकार 14 संवर्गो के पुनर्गठन की मांग में 8 संवर्गो का पुनर्गठन हो चुका है। शेष संवर्गो का पुनर्गठन करने का भी आश्वासन शासकीय अधिकारियों ने दिया है।