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सरकार ने बेच दी ‘Air India’, टाटा संस ने जीती बोली, मंत्रियों के पैनल ने लगाई मुहर

सरकार के मालिकाना हक वाली विमानन कंपनी Air India की आज बोली लग गई है और इस बोली को Tata Sons ने जीत ली है. मतलब एअर इंडिया अब टाटा ग्रुप की हो गई है. सरकार ने टाटा संस की बोली को स्वीकार कर लिया है.

1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से शुरू हुई थी एयर इंडिया

मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. आने वाले दिनों में एक आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है. बतादें की विमानन कंपनी Air India की 67 साल बाद ‘घर वापसी’ होने जा रही है. ये बात 90 साल पुरानी है जब टाटा समूह ने अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी. फिर वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई थी तो भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया था.

भारत सरकार ने खरीद ली थी बहुलांश हिस्सेदारी

इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली थी. लेकिन कम्पनी घाटे में चल रही थी और 31 मार्च 2019 तक कंपनी पर 60074 करोड़ रुपये का कर्ज था. जिसको देखते हुए सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया और इसकी प्रक्रिया जनवरी 2020 में ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें लगातार देरी हुई.

टाटा ग्रुप लगाई रिजर्व प्राइस से ज्यादा की बोली

सरकार ने 100% हिस्सेदारी बेचने के लिए योग्य कंपनियों से बोली लगाने को कहा था. टाटा ग्रुप की बोली सरकार के तय किए गए रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपये ज्यादा है. जिसके चलते Tata Sons ने बोली जीत ली है. बतादें कि एयर इंडिया खरीदने वाली कंपनी को फिर 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे. बाकी बचे हुए कर्ज को विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. मतलब कि बाकी का कर्ज खुद सरकार उठाएगी.

डील में ये भी है शामिल

एअर इंडिया के लिए जो कमिटी बनी है, उसमें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, कॉमर्स मंत्री पियूष गोयल और एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. सूत्रों के अनुसार, एअर इंडिया का रिजर्व प्राइस 15 से 20 हजार करोड़ रुपए तय किया गया था. टाटा से हुई डील के अनुसार एयर इंडिया का मुंबई में स्थित हेड ऑफिस और दिल्ली का एयरलाइंस हाउस भी शामिल है. मुंबई के ऑफिस का बाजार मूल्य 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है. बिजनेस की बात करें तो मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है.

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