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गांव में हार्ट अटैक तो मरीज नहीं भागना होगा शहर के बड़े अस्पताल

  • ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचसी पर मिलेगा हार्ट अटैक का इलाज
  • हर सीएचसी पर उपलब्ध होगी ईसीजी मशीन, टेलीमेडिसिन से मिलेगी तुरंत रिपोर्ट

  • लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्र में हार्ट अटैक आ जाने की स्थिति में अब मरीज को लेकर शहर के बड़े अस्पताल की ओर भागना नहीं पड़ेगा। जल्दी ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) की इमरजेंसी में भी अब हृदय रोगियों का इलाज (टेलीमेडिसिन) हो सकेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार स्टेमी पोर्टल से सभी सीएचसी को जोड़ा जाएगा।
    ग्रामीण क्षेत्र स्थित सीएचसी से हृदय रोग विशेषज्ञों के अभाव में हार्ट अटैक के मरीजों को निराश नहीं लौटना पड़ेगा। तत्काल जांच के साथ ही उन्हें इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर द्वारा समुचित इलाज मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए चेस्ट पेन के साथ आने वाले मरीज की तत्काल ईसीजी जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट को स्टेमी पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। रिपोर्ट को पोर्टल संचालक के मुख्यालय पर हृदय रोग विशेषज्ञ देखेंगे और छाती के दर्द का कारण स्पष्ट करेंगे। हार्ट अटैक या सामान्य दर्द है तो पोर्टल पर ही विशेषज्ञ द्वारा इलाज तय कर दिया जाएगा । हार्ट अटैक है तो जरूरी इंजेक्शन समेत खून को पतला करने वाली दवाएं देने की सलाह दी जाएगी। प्राथमिक इलाज देने के बाद जिले में ही मेडिकल कालेज या अन्य उच्च सरकारी चिकित्सा संस्थान में मरीज को आगे के इलाज (एंजियोप्लास्टी) के लिए रेफर किया जाएगा। मरीज को ले जाने के लिए सीएचसी में एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी।


  • राज्य स्तरीय समिति गठित
    लखनऊ। हृदय रोगियों को इलाज मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. सुषमा सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति में केजीएमयू के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.रिशी सेठी, टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट के लिए डॉ.सीमा टंडन व डॉ.उमा सिंह, नेशनल हेल्थ मिशन से डॉ.लक्ष्मण और वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.संदीप चौधरी शामिल हैं।
    इनसेट—
    लखनऊ। हार्ट अटैक गंभीर समस्या है, प्रथम चरण में राज्य के चार जिले लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और आगरा में इलाज की सुविधा शुरू होगी। इसके लिए राज्य स्तरीय कमेटी बनी है, पोर्टल संचालन की जिम्मेदारी को लेकर अभी निर्णय नहीं हुआ है। सीएचसी पर टेक्नीशियन्स को ईसीजी करने और पोर्टल पर अपलोड करने को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  • डॉ.सुषमा सिंह, महानिदेशक प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग

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