Uncategorized

बदलेगा 130 साल पुराना जेल का कानून

कैदियों को सजा के दौरान सुधारा भी जाएगा, रिहैब का नियम भी जोड़ा गया

गृह मंत्रालय जेल में व्यवस्थाओं और कैदियों के सुधार के लिए मॉडल प्रिजन एक्ट 2023 ला रहा है। इसके लागू होते ही 130 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के जेल कानून को बदल दिया जाएगा। गृह मंत्रालय ने बयान जारी करके बताया कि नए एक्ट को अंतिम रूप दे दिया गया है। मंत्रालय ने प्रिजनर्स एक्ट 1900 और प्रिजनर्स ट्रांसफर एक्ट 1950 की समीक्षा कर इनके प्रावधानों को नए एक्ट में शामिल किया है। मानसून सत्र में इसे संसद में पेश किया जा सकता है।

नए एक्ट में महिलाओं और ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा पर अधिक जोर दिया गया है, इससे जेल मैनेजमेंट में पारदर्शिता आएगी। साथ ही इसमें कैदियों के बर्ताव में सुधार और रिहैब का भी प्रावधान है। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि मौजूदा ‘कारागार अधिनियम 1894’ आजादी से पहले का है। यह मुख्य रूप से अपराधियों को हिरासत में रखने और जेलों में अनुशासन तथा व्यवस्था लागू करने पर केंद्रित है। इसमें कैदियों के सुधार और पुनर्वास का प्रावधान नहीं है।

मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा कारागार अधिनियम में कई खामियां हैं। लिहाजा आधुनिक समय की जरूरतों तथा जेल मैनेजमेंट की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अधिनियम को संशोधित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसके बाद मंत्रालय ने कारागार अधिनियम 1894 में संशोधन की सिफारिशों की जिम्मेदारी पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो को सौंपी। इसके बाद ब्यूरो ने राज्य कारागार प्रशासन और कुछ एक्सपर्ट से विचार विमर्श के बाद इसका प्रारूप तैयार किया।

Related Articles

Back to top button