सरदार पटेल के बाद राजीव गांधी का नाम हटा दिया मोदी ने : कृष्ण्कान्त पाण्डेय
अहमदाबाद में उद्घाटन के एक दिन पूर्व ही स्टेडियम का नाम सरदार पटेल से बदल कर मोदी स्टेडियम रख दिया है। उसी प्रकार नया पुरुस्कार न देकर, पुरानी चीजों को तोड़ मोरोड कर प्रस्तुत कर रही है केन्द्र सरकार। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर खिलाड़ी मेजर ध्यानचन्द्र के नाम पर करना राजीव गांधी के शहादत का अपमान करना है और देश का एक सबसे युवा एवं दूरदृष्टा प्रधानमंत्री जिसने नौजवानों को मताधिकार, दूर संचार क्रान्ति, सूचना क्रांति जैसे महान अधिकार देकर युवाओं को विश्व प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाया ऐसे महान राजनेता का नाम बदलना देश के महापुरूषों की बिरासत एवं शहादत का अपमान है।
बड़ी योजनाओं की घोषणा करती
•ाारत सरकार मेजर ध्यानचन्द्र के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाओं की घोषणा करती, पूरा देश स्वागत करता।
उप्र कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकान्त पाण्डेय ने कहा कि महान राजनेता स्व. राजीव गांधी महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचन्द्र दोनों ही उत्तर प्रदेश से आते हैं। दोनों का राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा नाम एवं कद है। मेजर ध्यानचन्द्र का सम्मान बढ़ाने के लिए सरकार की मांशा साफ होती तो उनके नाम पर बड़े-बड़े प्रतिष्ठान, संस्थान खोलकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सकता था, लेकिन ऐसा न कर सरकार ने अपने घृणित मानसिकता को दशार्या है।
हर कोई राजीव गांधी नहीं हो सकता
श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि मोदी जी को क्या पता कि हर कोई राजीव गांधी नहीं हो सकता। राजीव गांधी होने के लिए सीने पर देश का जज्बा ले आना पड़ता है और बारूद सहना पड़ता है। राजीव गांधी वही हो सकता है जिसके शरीर के परखच्चे उड़ जायें लेकिन देश पर आंच न आने पाये।
प्रवक्ता ने कहा कि क्रिकेट का सबसे बड़ा स्टेडियम अहमदाबाद का नाम सरदार पटेल से उद्घाटन के एक दिन पूर्व मोदी स्टेडियम कर दिया जाता है। स्टेडियम का नाम बदल जाने से कोई सरदार पटेल नहीं हो जायेगा। देश के लिए किसका कितना योगदान है, उसे क•ाी न इतिहास •ाुला पायेगा और न देशवासी •ाुला पायेंगे। जिसने इस देश के स्वतंत्रता आन्दोलन में, राष्ट्र निर्माण में क•ाी नाखून न कटाया हो वह शहादत का मूल्य कैसे समझ सकता है। वह तो नाम बदलने एवं संस्थाओं को बेचने को ही देश का विकास एवं अपना राष्ट्रीय कर्तव्य समझता है।
उन्होंनें कहा कि स्व. राजीव गांधी का खेल से अविस्मरणीय नाता रहा है। 1982 में दिल्ली में हुए ऐशियार्ड गेम्स की आॅर्गनाजिंग कमेटी के सदस्य के रूप में राजीव गांधी ने काम किया, उनकी देख-रेख में विशाल जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम और इंडोर स्टेडियम, खेलगांव, सीरीफोर्ट आॅडिटोरियम, करणी सिंह सूटिंग रेंज बना और यह सब 2 वर्ष में बन कर तैयार हो गया। जिस ऐशियार्ड गेम्स में राजीव गांधी सदस्य रहे •ाारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। 13 गोल्ड सहित 57 मेडल्स जीत कर खिलाड़ियों ने •ाारत का नाम रौशन किया। एक अच्छे मेजमान देश के रूप में •ाारत ने स्वयं का साबित किया।