राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने ‘वॉइस ऑफ हिंद’ मैगजीन के प्रकाशन और IED की बरामदगी मामले में जम्मू-कश्मीर में 16 जगहों पर छापेमारी की. आरोप है कि इस मैगजीन के जरिए घाटी में मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ढकेला जा रहा है.
संदिग्धों के पास से पांच मोबाइल फोन बरामद
NIA ने श्रीनगर, अनंतनाग, कुलगाम और बारामूला में ही 9 स्थानों पर छापे मारे हैं. वहीं हासन रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी में ड्राइवर आरीपोरा जेवान निवासी नईम अहमद भट के घर पर छापेमारी की. इसके बाद बागी नंद सिंह चट्टाबल में मुश्ताक अहमद डार के घर पर भी छापेमारी की गई. इस दौरान संदिग्धों के पास से पांच मोबाइल फोन बरामद किए गए.
11 जुलाई को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया
ये छापेमारी वायस आफ हिंद मैगजीन के पब्लिकेशन और आईईडी रिकवरी केस में की गई है. इस मैगजीन के जरिए राज्य के युवाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है और कट्टरपंथी ताकते युवाओं में भारत के प्रति नफरत फैलाने का काम कर रही हैं. इससे पहले इस मामले में इस साल 11 जुलाई को भी NIA ने छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिसमें उमर निसार, तनवीर अहमद भट और रमीज अहम लोन शामिल था.
इन लोगों से हो रही पूछताछ
16 जगहों पर छापेमारी के दौरान एजाज अहमद टाक पुत्र गुलाम मोहम्मद टाक, मुदासिर अहमद अहंगर पुत्र गुलाम मोहिउद्दीन अहंगर, नसीर मंजूर मीर पुत्र मंज़ूर अहमद मीर और जुनैद हुसैन खान पुत्र मोहम्मद हुसैन खान को अचबल थाने ले जाया गया है, पूछताछ चल रही है. वहीं कश्मीर घाटी में इस महीने हुई टारगेट किलिंग के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इस बीच हमले में शामिल आतंकियों की धरपकड़ के लिए पूरे कश्मीर में कई जगहों पर छापे मारकर 500 से अधिक युवाओं को हिरासत में लिया गया है. इनसे भी पूछताछ की जा रही है.
एनआईए ने दी जानकारी
केंद्र से भेजे गए आईबी के वरिष्ठ अधिकारी पूरी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. घाटी के सभी जिलों में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही अल्पसंख्यकों की कॉलोनियों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. एनआईए का कहना है कि भारत में आईएस के विभिन्न कैडर काम कर रहे हैं. इनका सबसे मुख्य काम यहां पर नेटवर्क तैयार करना है और अपने मकसद को आगे बढ़ाना है. अबु हाजिर अल बदरी उस मास्टरमाइंड का नाम है जो वायस आफ हिंद का विभिन्न दक्षिण भारत की भाषाओं में ट्रांसलेट करता है.