ओवैसी, राजभर व चंद्रशेखर के बाद राजा भैया से मिले शिवपाल, अखिलेश के फैसले का भी इंतज़ार
![shivpal yadav meets raja bhaiya, omprakash rajbhar, asaduddin owaisi, chandra shekhar aazad](https://lokvikas.com/wp-content/uploads/2021/09/shivpal-780x470.jpg)
यूपी में चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में लग गए हैं. इसके लिए शिवपाल यादव के घर पर असदुद्दीन ओवैसी, ओम प्रकाश राजभर और चन्द्र शेखर आज़ाद ने बैठक की.
चारों दिग्गजों ने की मुलाकात
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के चीफ शिवपाल यादव सियासी जमीन तलाश रहे हैं और विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसको लेकर चारों नेताओं ने आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा की.
अखिलेश के फैसले का इंतज़ार
वहीं शिवपाल यादव ने ये भी कहा है कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के लिये पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक का समय दे रहे हैं, उसके बाद उनकी पार्टी प्रदेश की सभी 403 सीटों पर प्रत्याशी उतारने के बारे में फैसला करेगी. हमारी सोच समाजवादी रही है, और समाजवादी पार्टी बनाने मे नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ कंधे से कंधा मिला कर कठिन परिश्रम से पार्टी खड़ी की थी. हमें इंतजार है, सपा अध्यक्ष जो भी निर्णय करना हो कर लें.
राजा भइया से हुई मुलाकात
दो अक्टूबर को फिरोजाबाद से पैदल यात्रा और 12 अक्टूबर को सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकालने की भी तैयारी कर रहे हैं. इधर शिवपाल सिंह यादव और कुंडा से विधायक राजा भैया की लखनऊ में मुलाकात हुई. शिवपाल उन्नाव में कार से उतरकर राजा भइया से मिले और उन्होंने उन्हें गले लगाया. कुछ पल दोनों की वार्ता भी हुई. इसके बाद शिवपाल कार से कानपुर रवाना हो गए. दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर उन्नाव राजनीतिक गलियारे में गहमा गहमी बढ़ गई.
भाजपा ने भी अपनी लहर कायम रखने के लिए अपनी योजनाओं पर अमल करना शुरू कर दिया है. पार्टी 100 दिनों तक हर रोज किसी न किसी जिले में आयोजन कर रही है. बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में शिवपाल यादव दूसरे दलों के साथ गठबंधन की योजना बना रहे हैं. कई बीजेपी विरोधी दल एक साथ आने पर विचार कर रहे हैं.