समाजवादी विजय रथ यात्रा से भाजपा नेतृत्व हतोत्साहित हो गया
लखनऊ ! समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेष यादव की कानपुर से हमीरपुर-जालौन की दो दिवसीय यात्रा ने प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी है। समाजवादी विजय रथ यात्रा में जनता के हर वर्ग से जो उत्साहपूर्ण और स्वतः स्फूर्त समर्थन मिला, उससे भाजपा नेतृत्व आशंकित और हतोत्साहित हो गये है इसलिए वे अपनी रणनीति बदलने की साजिश में जुट गये हैं। समाजवादी विजय रथ यात्रा के समर्थन में सड़कों पर इतनी भीड़ उमड़ पड़ी, जितने कई दशकों में भी नहीं दिखाई पड़ी थी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी के अनुसार , सन् 2022 में होने वाले चुनावों की निर्णायक शुरूआत है। विपक्ष में रहते हुए भी अखिलेश यादव के प्रति युवाओं में विशेष आकर्षण है, उनके प्रति जो निष्ठा है, उसका प्रत्यक्ष प्रमाण उमड़ते जनसैलाब में किसानों और गरीबों में आशा का संचार होता दिखा।
तमाम चुनौतियों को परास्त करने की ताकत है
श्री यादव में तमाम चुनौतियों को परास्त करने की ताकत है। भाजपा अपनी संकीर्ण मानसिकता के साथ ध्रुवीकरण की राजनीति चलाती है। अखिलेश किसान, नौजवान, गरीब, महिलाओं और वंचितों की बात करते हैं। उनकी पीड़ा से अपने को जोड़ते हैं। महंगाई, रोजगार, आवास, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने गरीब के दर्द पर मलहम भी लगाया। इससे जनसामान्य के बीच उनकी छवि अपने हमदर्द और मसीहा की बनी है।
अखिलेश यादव ने अपना समाजवादी विजय रथ चार जिलों कानपुर शहर, देहात और हमीरपुर, जालौन में घुमाया। हजारों नौजवान उनके रथ के साथ-साथ मीलो दौड़ते गए।
ऊर्जावान युवा नेता अखिलेश है
मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी के अनुसार प्रदेश में राजनीतिक क्षेत्रों को इस बात का आभास हो गया है कि कल का दिन ऊर्जावान युवा नेता अखिलेश का है। उनकी लोकप्रियता असीमित है। घर-बाहर सर्वत्र उनके प्रशंसक है। डाॅ0 लोहिया, बाबा साहेब अम्बेडकर और चौधरी चरण सिंह के विचारों को सामने रखते हुए आधुनिक युग के की नए विजन को भी अपनाया है। जनता को साइकिल की रफ्तार पसंद है। उसके साथ उसकी उम्मीदें भी बंधी हैं।