Uncategorized

केजीएमयू के प्रत्येक शिक्षक को रिसर्च पेपर व पब्लिकेशन पर ध्यान देना चाहिये : योगी


केजीएमयू, आरएमएलआई व एसजीपीजीआई संस्थाओं को सुपर स्पेशियलिटी की दिशा में बढ़ना चाहिए

केजीएमयू में थोरेसिक सर्जरी विभाग व वैस्कुलर सर्जरी विभाग एवं ‘ पैथोजेन रिडक्शन मशीन ’ का हुआ लोकार्पण


लखनऊ । सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केजीएमयू में अलग-अलग प्रकृति के मरीजों का इलाज होता है, सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं। यह सब रिसर्च पेपर का आधार बन सकते हैं। यहां का प्रत्येक फैकल्टी मेम्बर व विभाग रिसर्च पेपर व पब्लिकेशन को दिन-प्रतिदिन की गतिविधि का हिस्सा बनाए, जिससे किए जाने वाले शोध कार्यों को पेटेण्ट की ओर अग्रसर किया जा सके। यहां के जितने विभाग हैं, उनका कोई न कोई आर्टिकल इण्टरनेशनल जर्नल्स में प्रकाशित होना चाहिए।

यदि हम समय से दो कदम आगे चलेंगे तभी समय व समाज हमारा अनुकरण करेगा

मुख्यमंत्री बुधवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में थोरेसिक सर्जरी विभाग व वैस्कुलर सर्जरी विभाग एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में एशिया की प्रथम ‘पैथोजेन रिडक्शन मशीन’ का लोकार्पण करने के बाद संबोधित कर रहें थे। योगी ने कहा, यदि हम समय से दो कदम आगे चलेंगे तभी समय व समाज हमारा अनुकरण करेगा। यदि समय का अनुकरण नहीं करेंगे तो समाज हमें अविश्वसनीयता की नज़रों से देखेगा। उन्होंने कहा, शुरु होने वाली पैथोजेन रिडक्शन मशीन से शरीर के विभिन्न आर्गन ट्रांसप्लांट कार्य को गति मिलेगी। प्रदेश सरकार सदैव केजीएमयू की प्रगति के साथ खड़ी है। धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। केजीएमयू, आरएमएलआईएमएस व एसजीपीजीआई जैसी संस्थाओं को सुपर स्पेशियलिटी की दिशा में बढ़ना चाहिए। रिसर्च व शोध प्रकाशित होने से नैक के मूल्यांकन में अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त होगी।

डॉ.तूलिका चन्द्रा के प्रयासों से गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट के अस्पतालों में ब्लड सेपरेटर की यूनिट लगायी


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पूर्वी उप्र में इंसेफेलाइटिस, डेंगू आदि से अनेक मौतें होती थीं। गोरखपुर व उसके आसपास के क्षेत्र में यदि किसी को डेंगू होता था तो उसे लखनऊ भेजा जाता था, क्योंकि वहां प्लेटलेट्स की कोई सुविधा नहीं थी। आज से 15 वर्ष पूर्व केजीएमयू की डॉ.तूलिका चन्द्रा के प्रयासों से गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट के अस्पतालों में ब्लड सेपरेटर की यूनिट लगायी गयी थी। उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ की दिशा में तेजी से अग्रसर है। मरीज का इलाज उन्हीं जिलों के मेडिकल कॉलेजों में किया जाए। मरीजों के लिए गोल्डेन आवर महत्वपूर्ण होता है। मरीजों को अनावश्यक लखनऊ रिफर न किया जाए। योगी ने कहा, कोविड महामारी के दौरान वर्चुअल आईसीयू ने अपनी उपयोगिता साबित की थी, यह चीजें दिखाती हैं कि हमें टेली कंसल्टेशन से जुड़ने और लोगों को इस बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है।


100 वर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास है केजीएमयू का


मुख्यमंत्री ने कहा कि केजीएयू की कुछ फैकल्टी को अच्छे वैज्ञानिक के रूप में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है। यह 100 वर्ष पुराने केजीएमयू के लिए गौरव का विषय है। बीते 100 वर्ष की कालावधि में मेडिकल साइंस ने बहुत सारे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। हम उस प्रगति में कहां पर हैं, इसका मूल्यांकन हमें स्वयं करना होगा। नवनिर्मित थोरेसिक सर्जरी विभाग व वैस्कुलर सर्जरी विभाग की स्थापना एवं ‘पैथोजेन रिडक्शन मशीन’ का शुरुआत करना अच्छा प्रयास है। यह सभी ऑर्गन ट्रांसप्लाण्ट कार्य में महत्वपूर्ण साबित होंगे। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेण्ट जनरल (रिटायर्ड) डॉ. बिपिन पुरी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, कुलसचिव रेखा चौहान, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएन शंखवार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ.बीके ओझा, नवस्थापित थोरिसिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.शैलेन्द्र यादव, वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.अम्बरीश कुमार व ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की डॉ.तुलिका चंद्रा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

शीर्ष पर टिके रहने का दुरूह कार्य कर पा रहें हैं केजीएमयू के चिकित्सक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरी दुनिया में केजीएमयू के चिकित्सकों को सम्मान प्राप्त होता है। किसी भी क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने के पश्चात उस पर टिकना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। यहां के चिकित्सक लगातार शीर्ष स्थान पर स्थित हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विश्वविद्यालय को अपने अच्छे कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचानी चाहिए।

Related Articles

Back to top button