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प्रियंका को ढाई घंटे हिरासत में रखा फिर दे दी आगरा जाने की अनुमति, पढ़ें- अरुण वाल्मीकि की मौत का मामला

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को दूसरी बार पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है. दरअसल आगरा में पुलिस कस्टडी में सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत हो गई थी प्रियंका उनके परिवार वालों से मिलने जा रही थीं.

सरकार को डर किस बात का है?

प्रियंका लखनऊ से आगरा के लिए रवाना हुईं लेकिन उनको लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा पर उन्हें रोक लिया गया. पुलिस की कार्रवाई पर प्रियंका ने कहा कि किसी की मौत पर उनके घर के परिजनों से मुलाकात करने दिए जाने से लॉ एंड ऑर्डर कैसे बिगड़ सकता है? आप लोगों को खुश करने के लिए क्या मैं लखनऊ के गेस्ट हाउस में आराम से बैठी रहूं. किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई है. उनका परिवार न्याय मांग रहा है. मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं. उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है.

ढाई घंटे बाद प्रियंका को मिली परमिशन

इसके बाद ADCP सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया की लखनऊ और आगरा में धारा 144 लागू है ऐसे में वहां जाने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है. हालांकि हिरासत के ढाई घंटे बाद प्रियंका को आगरा जाने की परमिशन मिल गई. अब वो 5 लोगों की एक टीम के साथ पीड़ित परिवार से मिलने निकल गई हैं. इससे पहले आगरा के लिए जा रही प्रियंका को लखनऊ स्थित 1090 चौराहे पर एक युवती के एक्सीडेंट की उन्हें सूचना मिली. तुरंत उन्होंने अपनी फ्लीट रुकवाई और फर्स्ट एड किट मंगाकर युवती के घाव को साफ किया. पट्टी बांधी और अपना नंबर दिया. इसके बाद युवती को अस्पताल भिजवाया.

ये है पूरा मामला

रविवार की सुबह थाना जगदीश पूरा के मालखाने से चार दिन पहले रेलवे ठेकेदार के घर चोरी के खुलासे में बरामद 25 लाख रुपए गायब हो गए थे. जिसके शक में सफाईकर्मी लोहामंडी निवासी अरुण वाल्मीकि के घर पुलिस ने दबिश दी तो घर पर 15 लाख रुपए मिले थे. इसके बाद पुलिस ने उसके दोनों भाइयों को थाने पर बिठा लिया था. आरोपी सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की मंगलवार रात पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. सफाईकर्मी की मौत के बाद बवाल की आशंका के चलते थाना जगदीशपुरा को छावनी बना दिया गया है.

एडीजी ने लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी अनूप कुमार तिवारी, दीवान प्रताप भान सिंह और एक दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. अब इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी है. इस प्रकरण में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. उधर, प्रदेश सरकार ने मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व 10 लाख का मुआवजा पीड़ित परिवार को देने का आश्वासन दिया है.

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